जयपुर। राजस्थान के छोटे व्यापारियों और दुकानदारों के लिए एक खुशखबरी आई है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने राज्य में Ease of Doing Business को बढ़ावा देने के लिए एक बड़ा फैसला लिया है। अब 0 से 10 श्रमिक रखने वाले संस्थानों को राजस्थान दुकान एवं वाणिज्यिक संस्थान अधिनियम-1958 के तहत पंजीकरण कराने की अनिवार्यता से छूट दी जाएगी।
इस फैसले का सीधा फायदा छोटी दुकानों और वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों को मिलेगा, क्योंकि अब उन्हें अनावश्यक कागजी कार्यवाही और औपचारिकताओं से मुक्ति मिलेगी।
क्या है नया बदलाव?
पहले 1 भी कर्मचारी रखने पर राजस्थान दुकान एवं वाणिज्यिक संस्थान अधिनियम के तहत पंजीकरण कराना जरूरी था।
अब 0 से 10 श्रमिक वाले व्यापारिक प्रतिष्ठानों को पंजीकरण से छूट मिलेगी।
यह राहत मुख्य रूप से छोटे दुकानदारों, कैफे, छोटी फैक्ट्रियों और स्थानीय व्यापारियों के लिए है।
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क्यों लिया गया यह फैसला?
राज्य सरकार का मानना है कि छोटे व्यवसायों पर अनावश्यक प्रशासनिक बोझ कम करना जरूरी है।
इस फैसले के पीछे तीन मुख्य उद्देश्य हैं:
1. छोटे व्यापारियों को प्रोत्साहन देना
2. राज्य में निवेश बढ़ाना
3. नए रोजगार के अवसर पैदा करना
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नया कानून – Rajasthan Shops & Establishment Act 2025
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने न सिर्फ पंजीकरण की छूट दी है, बल्कि राजस्थान दुकान एवं वाणिज्यिक संस्थान अधिनियम-1958 को आधुनिक बनाने के लिए Rajasthan Shops and Establishment (Regulation of Employment and Condition of Service) Act, 2025 के प्रारूप को भी मंजूरी दे दी है।
इससे व्यापारिक माहौल और भी आसान और निवेशक-हितैषी बनेगा।
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किसे मिलेगा लाभ?
किराना स्टोर
कपड़ों की दुकान
चाय-कॉफी कैफे
छोटी फैक्ट्रियां और वर्कशॉप
मोबाइल, इलेक्ट्रॉनिक्स की दुकानें
अन्य छोटे वाणिज्यिक प्रतिष्ठान
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सरकार की उम्मीद
सरकार को भरोसा है कि इस फैसले से:
व्यापारिक गतिविधियों में तेजी आएगी
स्थानीय उद्यमियों को प्रोत्साहन मिलेगा
निवेश और रोजगार में वृद्धि होगी
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निष्कर्ष:
राजस्थान सरकार का यह कदम छोटे व्यापारियों के लिए वाकई में एक बड़ा तोहफ़ा है। अब बिना ज्यादा कागजी झंझट के व्यापार करना आसान होगा, जिससे न सिर्फ कारोबार बढ़ेगा बल्कि राज्य की अर्थव्यवस्था भी मजबूत होगी।