राजस्थान में सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों की अटेंडेंस व्यवस्था को डिजिटल बनाने की तैयारी जोरों पर है। भजनलाल शर्मा सरकार जल्द ही एक मोबाइल ऐप आधारित अटेंडेंस सिस्टम लागू करने जा रही है, जिसके तहत IAS अधिकारियों से लेकर सभी स्तर के कर्मचारियों को अपनी उपस्थिति दर्ज करनी होगी। इस नई व्यवस्था का उद्देश्य सरकारी कार्यालयों में पारदर्शिता, जवाबदेही, और कार्यक्षमता को बढ़ाना है। आइए जानते हैं इस सिस्टम की खास बातें और यह कैसे काम करेगा।
मोबाइल ऐप अटेंडेंस सिस्टम: मुख्य बिंदु
- किसके लिए लागू?
- यह सिस्टम सभी सरकारी कर्मचारियों पर लागू होगा, चाहे वे IAS अधिकारी हों या निचले स्तर के कर्मचारी।
- पहले से ही यह व्यवस्था बिजली विभाग, नगर निगम, जेडीए और पशुपालन विभाग में सफलतापूर्वक चल रही है।
- कब तक लागू होगा?
- प्रशासनिक सुधार विभाग ने प्रस्ताव को मुख्यमंत्री के अनुमोदन के लिए भेज दिया है। मंजूरी मिलते ही इसे पूरे राज्य में लागू कर दिया जाएगा।
- ऑफिस टाइमिंग और नियम:
- कर्मचारियों को सुबह 9:30 बजे से शाम 5:30 बजे तक ऑफिस में रहना अनिवार्य होगा।
- अटेंडेंस ऐप के जरिए जियो-लोकेशन और टाइम स्टैम्प पर नजर रखी जाएगी।
क्यों जरूरी है यह नया सिस्टम?
सरकार के अनुसार, इस डिजिटल व्यवस्था से निम्नलिखित लाभ होंगे:
- भ्रष्टाचार पर अंकुश: मैनुअल रजिस्टर में गड़बड़ी की संभावना खत्म होगी।
- समय की पाबंदी: कर्मचारियों को समय पर ऑफिस पहुंचने के लिए प्रेरित करेगा।
- समान नियम: पहले IAS अधिकारियों के लिए अटेंडेंस अनिवार्य नहीं थी, लेकिन अब सभी के लिए एक समान नियम लागू होंगे।
- डेटा एनालिटिक्स: उपस्थिति के डेटा से कर्मचारियों के प्रदर्शन का विश्लेषण करना आसान होगा।
कर्मचारी संगठनों की प्रतिक्रिया
अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ के अध्यक्ष गजेंद्र सिंह राठौड़ ने कहा है, “नियम सबके लिए समान होने चाहिए। यदि कर्मचारी रोजाना हाजिरी लगाते हैं, तो IAS अधिकारियों को भी यह व्यवस्था फॉलो करनी चाहिए।” उनका यह बयान वरिष्ठ अधिकारियों और कर्मचारियों के बीच नियमों में समानता की मांग को रेखांकित करता है।
पहले से डिजिटल व्यवस्था वाले विभाग
- राजस्थान बिजली निगम
- नगर निगम (जयपुर, जोधपुर, उदयपुर)
- जेडीए (जयपुर विकास प्राधिकरण)
- पशुपालन विभाग
इन विभागों में ऐप आधारित अटेंडेंस सिस्टम के सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं, जिसके बाद सरकार ने इसे पूरे प्रदेश में लागू करने का निर्णय लिया।
आगे की राह: चुनौतियाँ और समाधान
हालांकि, इस सिस्टम को लेकर कुछ सवाल भी उठ रहे हैं:
- इंटरनेट की उपलब्धता: ग्रामीण इलाकों में नेटवर्क की समस्या से कैसे निपटा जाएगा?
- तकनीकी जागरूकता: सभी कर्मचारी ऐप का उपयोग करने में सक्षम होंगे?
- डेटा सुरक्षा: कर्मचारियों के डेटा को हैकिंग से कैसे बचाया जाएगा?
सरकार ने इन चुनौतियों के समाधान के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम और ऑफलाइन मोड जैसे विकल्प शामिल करने की योजना बनाई है।
सार
राजस्थान सरकार का यह कदम डिजिटल इंडिया के विजन को और मजबूती देगा। मोबाइल ऐप से हाजिरी लगाने की व्यवस्था न सिर्फ सरकारी कामकाज को पारदर्शी बनाएगी, बल्कि आम जनता को भी बेहतर सेवाएं मिलेंगी। अब देखना यह है कि यह सिस्टम कितना प्रभावी साबित होता है और अन्य राज्यों के लिए मॉडल बन पाता है या नहीं।
यह जानकारी न्यूज़ सोर्स से ली गई है।