राजस्थान के किसानों के लिए एक खुशखबरी आई है। राज्य सरकार ने किसानों की तरक्की और तकनीकी ज्ञान बढ़ाने के लिए “नॉलेज इनहांसमेंट प्रोग्राम” शुरू किया है। इस योजना के तहत 100 प्रगतिशील किसानों को विदेश भेजा जाएगा, ताकि वे वहां की उन्नत कृषि तकनीक और सहकारी समितियों की कार्यप्रणाली को करीब से देख और समझ सकें।
किसानों के लिए सुनहरा मौका
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की मंजूरी के बाद यह योजना अब अमल में लाई जा रही है। चुने गए किसान नीदरलैंड, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड और ब्राजील जैसे कृषि के क्षेत्र में अग्रणी देशों का दौरा करेंगे।
यात्रा नवंबर 2025 से मार्च 2026 के बीच सात दिन की होगी और यह अलग-अलग चरणों में कराई जाएगी।
इसमें शामिल होंगे:
80 किसान कृषि क्षेत्र से
20 किसान पशुपालन और डेयरी उद्योग से
क्यों खास है यह योजना?
इस कार्यक्रम का मकसद सिर्फ यात्रा कराना नहीं है, बल्कि किसानों को आधुनिक खेती की असली समझ देना है।
किसानों को सीखने मिलेगा कि कम संसाधनों में अधिक उत्पादन कैसे लिया जा सकता है।
वे देखेंगे कि विदेश में सहकारी समितियां और किसान संगठन कैसे काम करते हैं।
लौटकर वे अपने गांवों में भी इस अनुभव को साझा कर पाएंगे, जिससे FPO (Farmers Producer Organisation) को मजबूती मिलेगी।
किन देशों में जाएंगे किसान?
नीदरलैंड – ग्रीनहाउस खेती और फूलों के उत्पादन में माहिर।
ऑस्ट्रेलिया – सटीक खेती (Precision Farming) और सिंचाई तकनीक में अग्रणी।
न्यूजीलैंड – डेयरी प्रबंधन और पशुपालन में विश्वस्तरीय अनुभव।
ब्राजील – बड़े पैमाने की खेती और सोयाबीन जैसी फसलों में विशेषज्ञता।
—
चयन के नियम
राज्य सरकार ने चयन के लिए कुछ मापदंड तय किए हैं:
सामान्य श्रेणी: कम से कम 1 हेक्टेयर भूमि का स्वामित्व।
SC, ST और महिला किसान: न्यूनतम 0.5 हेक्टेयर भूमि।
किसान पिछले 10 सालों से लगातार खेती कर रहा हो।
आधुनिक तकनीक का प्रयोग कर रहा हो, जैसे:
संरक्षित खेती
ड्रिप सिंचाई
मल्चिंग
सौर ऊर्जा पंप
ऑटोमेशन
ड्रोन तकनीक
फार्म पोंड और डिग्गी
—
किसानों को क्या फायदा होगा?
नई तकनीक अपनाने में आसानी।
फसल की पैदावार और गुणवत्ता में सुधार।
कम मेहनत में ज्यादा मुनाफा।
ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार और आर्थिक विकास को बढ़ावा।
नतीजा
“नॉलेज इनहांसमेंट प्रोग्राम” किसानों के लिए एक ऐसा मौका है जो उनकी सोच, तकनीक और काम करने के तरीके को बदल सकता है। जो किसान मेहनत के साथ नई तकनीक अपनाने को तैयार हैं, उनके लिए यह योजना खेत से लेकर बाजार तक की तस्वीर बदल सकती है।