जयपुर: जल संसाधन प्रबंधन के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए राजस्थान सरकार और इज़राइल के बीच जल प्रबंधन को लेकर समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए गए। यह समझौता जल संरक्षण और कुशल जल प्रबंधन तकनीकों को साझा करने के उद्देश्य से किया गया है।
केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने इज़राइल की ड्रिप सिंचाई और स्प्रिंकलर सिस्टम जैसी उन्नत जल प्रबंधन प्रथाओं की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि इज़राइल के कुशल जल प्रबंधन मॉडल से राजस्थान और पूरे भारत को प्रेरणा मिल सकती है।
राजस्थान सरकार की प्रतिबद्धता
जल संसाधन मंत्री सुरेश सिंह रावत ने कहा कि जल संकट से निपटने और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वर्ष 2047 तक विकसित भारत के संकल्प को पूरा करने के लिए राज्य सरकार अंतरराष्ट्रीय भागीदारी पर विशेष ध्यान दे रही है।
इस अवसर पर सरस्वती पेलियोचैनल के पुनर्जीवन को लेकर राजस्थान सरकार और डेनमार्क दूतावास के बीच भी लेटर ऑफ इंटेंट पर हस्ताक्षर किए गए।
इज़राइल की जल प्रबंधन तकनीक से उम्मीदें
इज़राइल ने जल प्रबंधन के क्षेत्र में वैश्विक स्तर पर मिसाल कायम की है। उनकी तकनीकें, जैसे:
ड्रिप इरिगेशन सिस्टम
वेस्ट वाटर ट्रीटमेंट और पुनर्चक्रण
… राजस्थान जैसे सूखाग्रस्त राज्यों के लिए बेहद कारगर साबित हो सकती है !
सम्मेलन में विशेषज्ञों की राय
कार्यक्रम में जलवायु परिवर्तन, बढ़ती जल मांग और जल सुरक्षा को लेकर गहन चर्चाएं हुईं। जल संसाधन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अभय कुमार ने कहा कि जल संरक्षण के लिए प्रत्येक बूंद का कुशल उपयोग करना आवश्यक है।
राजस्थान सरकार और इज़राइल के बीच यह समझौता जल संकट से निपटने और सतत जल प्रबंधन के लिए एक मील का पत्थर साबित होगा। अंतरराष्ट्रीय सहयोग और आधुनिक तकनीक के उपयोग से राजस्थान जल सुरक्षा की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है।