राजस्थान डेयरी योजना 2025: किसानों को 7 रुपए बोनस, बायोगैस और बीमा लाभ

राजस्थान डेयरी योजना 2025: किसानों को 7 रुपए बोनस, बायोगैस और बीमा लाभ

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राजस्थान की सीमा से लगे जिलों में दूध अब केवल सफेदी का प्रतीक नहीं, बल्कि समृद्धि का माध्यम बन चुका है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की सरकार ने सीमावर्ती क्षेत्रों के किसानों के लिए एक मजबूत और व्यवहारिक योजना शुरू की है, जिससे न सिर्फ उनकी आय बढ़ेगी बल्कि जीवन की गुणवत्ता भी।

गुजरात से सटे चार जिलों पर विशेष फोकस

सरकार ने उदयपुर, बांसवाड़ा, बाड़मेर और रानीवाड़ा (जालौर) जिलों को डेयरी डवलपमेंट के लिए चिन्हित किया है। डेयरी मंत्री जोराराम कुमावत और आरसीडीएफ की एमडी श्रुति भारद्वाज के नेतृत्व में यह योजना तेज़ी से लागू हो रही है।

7 रुपये प्रति लीटर बोनस: सीधे बैंक खाते में

‘मुख्यमंत्री दुग्ध उत्पादक संबल योजना’ के तहत अब किसानों को 7 रुपये प्रति लीटर बोनस मिलेगा। इससे 1.75 लाख लीटर प्रतिदिन दूध संकलन के साथ 20 हजार से अधिक पशुपालक लाभांवित होंगे।

  • उदयपुर – 11,447 किसान
  • रानीवाड़ा (जालौर) – 5,160 किसान
  • बाड़मेर – 2,226 किसान
  • बांसवाड़ा – 1,953 किसान

स्वास्थ्य और सुरक्षा का पूरा ध्यान

370 रुपए में 2.5 लाख का हेल्थ कवर और सिर्फ 14 रुपए में 5 लाख का दुर्घटना बीमा। इसका 90% हिस्सा सरकार और आरसीडीएफ वहन करेंगे।

सरस लाडो मायरा योजना: बेटियों को सम्मान

राजस्थान सरकार ने ‘सरस लाडो मायरा योजना’ शुरू की है जिसके तहत बेटियों की शादी में 21,000 रुपए की आर्थिक सहायता दी जाएगी। यह बेटियों के जन्म को प्रोत्साहित करेगा और बाल विवाह पर रोक लगाने में मददगार बनेगा।

हर घर में फ्लैक्सी बायोगैस प्लांट

बायोगैस प्लांट की कुल लागत 37,000 रुपए है, लेकिन पशुपालकों को केवल 8,000 रुपए देने होंगे। शेष राशि का अनुदान सरकार देगी, जिससे हर घर में दो सिलेंडर के बराबर गैस मुफ्त में उपलब्ध होगी।

सीधे खाते में भुगतान और आधुनिक मार्केटिंग

अब किसानों को दूध की कीमत समितियों के माध्यम से नहीं, सीधे उनके बैंक खातों में मिलेगी। इसके लिए प्रत्येक जिले में उच्च शिक्षित मार्केटिंग कंसलटेंट की नियुक्ति की जाएगी।

हाईटेक प्रोसेसिंग प्लांट्स

चारों दुग्ध संघों के प्लांट्स को अत्याधुनिक तकनीक से अपग्रेड किया जाएगा। इसका खर्च रिहेब्लीटेशन फंड से किया जाएगा ताकि किसानों को कोई रुकावट न हो।

निष्कर्ष

राजस्थान सरकार की यह पहल केवल डेयरी विकास तक सीमित नहीं है, बल्कि यह ग्रामीण भारत में सामाजिक, आर्थिक और पर्यावरणीय बदलाव लाने का प्रयास है। आने वाला समय बताएगा कि यह योजना एक नई ग्रामीण क्रांति की शुरुआत है।

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