गांव-ग्वाल योजना: राजस्थान सरकार की नई पहल

राजस्थान की नई गांव-ग्वाल योजना: अब बेसहारा गायों की होगी देखभाल और ग्वालों को मिलेगा रोजगार

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राजस्थान की धरती पर पशुपालन केवल रोजगार का जरिया नहीं, बल्कि परंपरा, संस्कृति और श्रद्धा का प्रतीक भी रहा है। खासकर गायों के प्रति लोगों की आस्था इतनी गहरी है कि गांवों में आज भी लोग उन्हें अपने परिवार का हिस्सा मानते हैं। लेकिन बीते कुछ वर्षों से देखा गया है कि कई जगह बेसहारा गायें सड़कों पर घूमती नजर आती हैं, जिससे ना केवल हादसे होते हैं बल्कि खेतों को भी नुकसान पहुंचता है।

इन्हीं समस्याओं को देखते हुए राजस्थान सरकार ने एक अनोखी पहल की है — गांव-ग्वाल योजना। इसका उद्देश्य है गायों की संगठित देखभाल और गांव के बेरोजगार युवाओं को रोजगार देना।

क्या है गांव-ग्वाल योजना?

पुराने ज़माने में गांवों में ‘ग्वाल’ हुआ करते थे — एक ऐसा व्यक्ति जो पूरे गांव की गायों को सुबह-सुबह इकठ्ठा करके जंगल या चारागाहों में चराने ले जाता था और शाम को वापस लौटाता था। गांव-ग्वाल योजना इसी परंपरा को फिर से जीवित करने की कोशिश है।

अब हर गांव में सरकारी मान्यता प्राप्त ग्वाल नियुक्त किए जाएंगे। ये ग्वाल, गांव की बेसहारा गायों और उन पशुपालकों की गायों को चराएंगे जो अपने काम की वजह से खुद नहीं ले जा सकते।

ग्वालों को मिलेगा पारिश्रमिक

सरकार सिर्फ परंपरा को जिंदा नहीं कर रही, बल्कि इसे रोजगार से भी जोड़ रही है। ग्राम पंचायतें ग्वालों को हर महीने पारिश्रमिक (मानदेय) देंगी। इस काम के लिए जो भी ग्वाल चुना जाएगा, वह पंचायत के नियमों के अनुसार तय समय पर गायों को ले जाएगा और सुरक्षित वापस लाएगा।

  • गांव के बेरोजगार युवाओं को काम मिलेगा।
  • बेसहारा पशु सड़कों से हटकर सुरक्षित रहेंगे।

पशुपालकों को क्या करना होगा?

अगर आप गांव में रहते हैं और आपके पास गायें हैं, लेकिन समय की कमी या किसी मजबूरी के कारण उन्हें चराने नहीं ले जा पाते, तो यह योजना आपके लिए बहुत फायदेमंद है। आपको बस अपनी ग्राम पंचायत में जाकर पंजीकरण कराना होगा। इसके बाद आपकी गायों को भी ग्वाल संभालेंगे।

यह सेवा पूरी तरह स्वैच्छिक है — जो पशुपालक चाहें वही जुड़ सकते हैं।

क्यों जरूरी थी यह योजना?

  • गायों को खुला छोड़ने की प्रवृत्ति पर रोक लगेगी।
  • सड़क हादसे और फसल नुकसान जैसी समस्याएं कम होंगी।
  • पशुपालकों को राहत मिलेगी और समय बचेगा।
  • गांव के युवाओं को गांव में ही रोजगार मिलेगा।

भविष्य की तैयारी

गांव-ग्वाल योजना केवल गायों की देखभाल तक सीमित नहीं रहेगी। भविष्य में इसके तहत चारागाहों की मरम्मत, पशु स्वास्थ्य शिविर, और स्थानीय गौशालाओं से समन्वय जैसे कदम भी शामिल किए जा सकते हैं। इससे यह योजना एक संपूर्ण पशुपालन सेवा का रूप ले सकती है।

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