पशुपालकों को मिला 8 करोड़ रुपये का बोनस – राजस्थान सरकार ने पशुपालकों के चेहरे पर मुस्कान ला दी है। सीकर और झुंझुनूं जिलों के लगभग 20,000 पशुपालकों को इस सप्ताह सरकार की ओर से 8 करोड़ रुपये का बोनस सीधे उनके बैंक खातों में ट्रांसफर किया जा रहा है। यह भुगतान जनवरी से जून 2024 के दूध सप्लाई की राशि के रूप में दिया जा रहा है।
हर लीटर दूध पर 5 रुपये का बोनस
सरस डेयरी से जुड़े पशुपालकों को सरकार प्रति लीटर दूध पर 5 रुपये बोनस देती है। यह बोनस डेयरी द्वारा दी जाने वाली वास्तविक कीमत से अलग होता है और सीधे सरकार की ओर से उनके बैंक खाते में भेजा जाता है।
पलसाना डेयरी के प्रबंध निदेशक कमलेश के अनुसार, जनवरी से जून 2024 तक की बोनस राशि इस प्रकार रही:
जनवरी: 1.30 करोड़ रुपये
फरवरी: 1.28 करोड़ रुपये
मार्च: 1.59 करोड़ रुपये
अप्रैल: 1.23 करोड़ रुपये
(मई और जून की राशि भी जोड़कर कुल 8 करोड़ रुपये का भुगतान किया जाएगा)
कौन है इस योजना का पात्र
यह योजना केवल उन्हीं पशुपालकों के लिए है जो सरस डेयरी को नियमित रूप से दूध की आपूर्ति करते हैं।
बोनस की राशि सीधे लाभार्थी के बैंक खाते में भेजी जाती है।
दिसंबर 2024 तक की राशि पहले ही दी जा चुकी है।
अब जून 2024 तक का भुगतान भी निपटा दिया गया है।
सरकार की निगरानी और निर्देश
पशुपालन मंत्री जोराराम कुमावत ने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि कोई भी पात्र पशुपालक इस योजना से वंचित न रहे।
सरस संघ और आरसीडीएफ को समय पर भुगतान सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं।
योजना की निगरानी विभागीय स्तर पर की जा रही है ताकि प्रक्रिया पारदर्शी और समयबद्ध हो।
सीकर के पशुपालक शंकरलाल का कहना है —
“सरकार पहली बार हमारी मेहनत को पहचान रही है। यह बोनस केवल पैसा नहीं, हमारे परिश्रम का सम्मान है।”
अगली किस्त की भी तैयारी
राज्य सरकार ने संकेत दिए हैं कि अगली किस्त में इससे भी अधिक राशि जारी की जा सकती है।
इस योजना ने पशुपालकों को न सिर्फ आर्थिक सहारा दिया है, बल्कि दुग्ध उत्पादन प्रणाली में नई ऊर्जा और भरोसा भी पैदा किया है।
निष्कर्ष
सीकर और झुंझुनूं के पशुपालकों के लिए यह योजना राहत और सम्मान दोनों का संदेश है। सरकार की यह पहल न केवल ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत कर रही है, बल्कि पशुपालकों के जीवन में सकारात्मक बदलाव भी ला रही है।
इस तरह की योजनाएं तभी सार्थक मानी जाएंगी जब हर पात्र व्यक्ति को उसका पूरा लाभ समय पर मिले — और इस दिशा में सरकार की सक्रियता निश्चित रूप से सराहनीय है