राजस्थान सरकार की नई पहल: अब बुजुर्गों का इलाज घर पर ही
बुजुर्गों को अब अस्पताल जाने की ज़रूरत नहीं, सरकार खुद पहुंचेगी उनके द्वार
राजस्थान सरकार ने एक संवेदनशील और सराहनीय कदम उठाते हुए बुजुर्ग मरीजों के लिए एक नई योजना की शुरुआत की है – ‘होम बेस्ड पेलिएटिव केयर योजना’। यह योजना उन बुजुर्गों के लिए वरदान साबित होगी जो गंभीर बीमारियों से जूझ रहे हैं, लेकिन अब अस्पताल तक आने-जाने की स्थिति में नहीं हैं।
क्या है ये योजना?
इस योजना के तहत 70 साल या उससे अधिक उम्र के वे मरीज जो कैंसर, लकवा, किडनी, हृदय या सांस की गंभीर बीमारी से ग्रसित हैं और जिन्हें लम्बे समय तक देखभाल की जरूरत है, उन्हें अब अस्पताल नहीं जाना पड़ेगा। प्रशिक्षित मेडिकल स्टाफ यानी डॉक्टर, नर्स और ANM खुद उनके घर जाकर इलाज और देखभाल की जिम्मेदारी संभालेंगे।
क्यों है यह योजना खास?
जब किसी बुजुर्ग को असाध्य बीमारी हो जाती है, तो न सिर्फ मरीज बल्कि पूरा परिवार तनाव में आ जाता है। अस्पताल ले जाना, कतार में लगना, डॉक्टर का इंतजार और फिर दवा लाना – यह सब किसी संघर्ष से कम नहीं।
‘होम बेस्ड पेलिएटिव केयर योजना’ इस संघर्ष को खत्म करने के लिए शुरू की गई है। अब ये सभी सेवाएं मरीज के घर पर ही उपलब्ध होंगी, और वो भी पूरी तरह नि:शुल्क।
कैसे काम करेगी ये योजना?
- मरीजों की पहचान: जिला अस्पताल में लाइलाज बीमारी से ग्रसित बुजुर्गों की सूची बनाई जाएगी।
- स्थानीय स्वास्थ्य केंद्रों से समन्वय: यह सूची संबंधित ब्लॉक के माध्यम से CHC, PHC और उप-स्वास्थ्य केंद्रों को भेजी जाएगी।
- टीम गठन: एक मेडिकल टीम जिसमें डॉक्टर, नर्सिंग ऑफिसर और ANM होंगे, उन्हें मरीज के घर भेजा जाएगा।
- घर पर सेवा: यह टीम इलाज, देखभाल और दवाओं का नियमित सेवन कैसे करना है – इसकी जानकारी देगी।
- नि:शुल्क दवाएं: संजीवनी योजना के तहत मिलने वाली मुफ्त दवाएं मरीज के घर पर ही दी जाएंगी।
शुरुआत कहां से हुई?
इस योजना का शुभारंभ बीकानेर जिले से हुआ है, जहां मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. खुशपाल सिंह राठौड़ ने चिकित्सा वाहन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
कैसे मिलेगा लाभ?
अगर आपके परिवार में कोई बुजुर्ग लाइलाज बीमारी से जूझ रहा है और अस्पताल जाने में असमर्थ है, तो आप इस योजना के लिए आवेदन कर सकते हैं।
पात्रता:
- उम्र 70 वर्ष या उससे अधिक
- कोई असाध्य या गंभीर बीमारी (कैंसर, लकवा आदि)
- मरीज अस्पताल नहीं जा सकता
आवेदन प्रक्रिया:
- जिला अस्पताल या नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र से संपर्क करें
- आवेदन फॉर्म भरें और आवश्यक दस्तावेज़ दें
- कुछ मामलों में मेडिकल चेकअप या रेफरल की जरूरत हो सकती है
- पात्रता होने पर घर पर टीम भेजी जाएगी
सरकार की संवेदनशील सोच का उदाहरण
राजस्थान सरकार की यह पहल सिर्फ एक योजना नहीं, बल्कि बुजुर्गों के प्रति संवेदनशीलता और सम्मान की भावना को दर्शाती है। ऐसे कदम समाज में भरोसे को और मज़बूत करते हैं।
निष्कर्ष
‘होम बेस्ड पेलिएटिव केयर योजना’ उन हजारों बुजुर्गों और उनके परिवारों के लिए उम्मीद की किरण है जो इलाज के लिए जूझते हैं लेकिन संसाधनों की कमी के कारण थक चुके होते हैं।
अगर आपके आसपास कोई ऐसा बुजुर्ग है जो इस योजना का हकदार है, तो आज ही इस जानकारी को साझा करें और उन्हें योजना का लाभ दिलवाएं।
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