मोदी सरकार ने शिक्षा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए 7 राज्यों में 28 नए जवाहर नवोदय विद्यालय (JNV) खोलने की योजना को मंजूरी दी है। यह कदम ग्रामीण और पिछड़े क्षेत्रों के प्रतिभाशाली बच्चों को मुफ्त और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से उठाया गया है।
बजट और विस्तार की योजना
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इस परियोजना के लिए 8,231 करोड़ रुपये का बजट स्वीकृत किया है, जिसमें से 2359.82 करोड़ रुपये 28 नए नवोदय विद्यालयों की स्थापना के लिए निर्धारित किए गए हैं। इस विस्तार योजना को 2024-2029 के बीच पूरा करने का लक्ष्य है। यह पिछले एक दशक का सबसे बड़ा शैक्षिक विस्तार माना जा रहा है।
किन राज्यों में खुलेंगे नए विद्यालय?
28 नए विद्यालय अरुणाचल प्रदेश, असम, मणिपुर, कर्नाटक, महाराष्ट्र, तेलंगाना, और पश्चिम बंगाल के उन जिलों में स्थापित किए जाएंगे, जहां वर्तमान में नवोदय विद्यालय नहीं हैं।
राज्यवार सूची:
अरुणाचल प्रदेश (8): अपर सुबनसिरी, क्रादादी, लेपा राडा, लोअर सियांग, लोहित, पक्के-केसांग, शी-योमी, सियांग।
असम (6): सोनितपुर, चराईदेव, होजाई, माजुली, दक्षिण सलमारा मनकाचर, वेस्ट कर्बियांगलॉन्ग।
मणिपुर (3): थौबल, कांगपोकी, नोनी।
कर्नाटक (1): बेल्लारी।
महाराष्ट्र (1): ठाणे।
तेलंगाना (7): जगित्याल, निजामाबाद, भद्राद्री कोठागुडम, मेडचल मलकाजगिरी, महबूबनगर, संगारेड्डी, सूर्यापेट।
पश्चिम बंगाल (2): पूर्व बर्धमान, झरग्राम।
नवोदय विद्यालय: शिक्षा में क्रांति का दूसरा नाम
जवाहर नवोदय विद्यालय ग्रामीण क्षेत्रों के प्रतिभाशाली छात्रों को मुफ्त, आधुनिक, और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के लिए प्रसिद्ध हैं। यह कक्षा 6 से 12वीं तक के छात्रों को आवासीय सुविधा के साथ शिक्षा देता है।
हर साल 49,640 छात्र नवोदय विद्यालय में एडमिशन लेते हैं।
वर्तमान में देश में 661 नवोदय विद्यालय हैं, जिनमें से 653 कार्यरत हैं।
28 नए विद्यालयों के लाभ:
1. गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का विस्तार: नए विद्यालय ग्रामीण बच्चों को उनकी प्रतिभा के अनुसार शिक्षा का समान अवसर देंगे।
2. रोजगार के अवसर: प्रत्येक नवोदय विद्यालय में 47 स्टाफ सदस्यों की आवश्यकता होगी, जिससे 1316 लोगों को रोजगार मिलेगा।
3. शिक्षा में समावेशिता: पिछड़े जिलों में शैक्षिक असमानता को कम किया जाएगा।
4. ग्रामीण प्रतिभाओं को मंच: आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के बच्चों को उज्ज्वल भविष्य के लिए तैयार किया जाएगा।
परिणाम और भविष्य की दृष्टि
यह विस्तार योजना “सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास” के लक्ष्य को पूरा करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। इन विद्यालयों के माध्यम से शिक्षा के क्षेत्र में समानता और गुणवत्ता सुनिश्चित होगी।
अगर आप भी अपने बच्चे को जवाहर नवोदय विद्यालय में दाखिला दिलाना चाहते हैं, तो कक्षा 6 में प्रवेश के लिए आयोजित होने वाली परीक्षा की तैयारी कराएं। शिक्षा से जुड़ी ऐसी योजनाओं और जानकारियों के लिए जुड़े रहें हमारे साथ।